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Showing posts from March, 2022

अरविंद केजरीवाल के आवास पर हमला और दिल्ली पुलिस की खामोशी

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर हमले के आरोप में दिल्ली पुलिस ने आठ प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है. यह जानकारी दिल्ली पुलिस के एक सीनियर अधिकारी ने न्यूज़लॉन्ड्री को दी. सिविल लाइन थाने में जब हम अधिकारी से बात कर रहे थे तभी भाजपा से जुड़े एक वकील यहां पहुंचे. दरअसल बुधवार दोपहर अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया था. भाजयुमो, भाजपा का युवा संगठन है. यह प्रदर्शन होने वाला था, इसकी सूचना पहले से दिल्ली पुलिस को थी. बेंगलुरु के सांसद और भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी पहुंचे थे. यह प्रदर्शन केजरीवाल ने ‘कश्मीरी हिंदुओ’ का अपमान किया है, का आरोप लगाकर किया जा रहा था. हाथों में तख्तियां लिए पहुंचे प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने सीएम आवास से करीब 500 मीटर की दूरी पर बेरिकेट्स लगाए थे, उसे तोड़कर ये तमाम लोग मुख्यमंत्री आवास तक पहुंच गए और वहां तोड़फोड़ करने लगे. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री आवास को रंग दिया. वहां मौजूद सीसीटीवी

‘Chemical poured into ear’: Pak journalist targeted 'for report on Imran Khan’s party legislator'

The Committee to Protect Journalists has called for an “immediate and impartial investigation” into an attack on Zahid Shareef Rana, a Pakistani journalist who was allegedly targeted for a report on political associates and relatives of a legislator linked to Imran Khan’s Tehreek-e-Insaaf party. Rana told CPJ that he was attacked on Sunday by 10 men who he alleged were relatives and associates of Ameer Muhammad Khan, an assembly legislator from Punjab province. This came after Rana, who is a reporter for the newspaper Daily Ausaf , shared a report on his Facebook page alleging that Khan’s family members and associates were involved in criminal activities. Rana said that in response to his report, police raided the home of one of Khan’s close political associates. Rana said that he was held and whipped with ropes, and had “lesions all over his body and has lost hearing from the chemical poured into his right ear”. A bystander also recorded a video of the incident. Police registered

Lacking a sense of the particular, Villainy is set adrift on a sea of caricatures

A city, in its alluring as well as hideous ways, often has different faces to present to different sets of people living within it. This was as true of Delhi in the late 1990s as it was of any other urban space or time period. Yet it’s the sense of the particular that has to seep in when reliving a tale of criminal depravity bordering on caprice, and the retribution set in a certain place and time. Despite some patches of his taut craft in sizing up a locale and time, the failure to let a sense of the particular pervade his storytelling, almost as a subtext, is visible in Upamanyu Chatterjee’s Villainy (published by Speaking Tiger). That is sad given that the author’s earlier novels, including his much-remembered debut novel, had excelled in narrative specificities. In its outline, the plot of Villainy , woven in a reserve sequence that is typical of tales of crime and trials, is assuming and plain. Hence, it is far more challenging. Between the discovery of a dead body in the park

हैरत में हैं वैज्ञानिक, समय से पहले आई यह गर्मी बहुत महंगी पड़ने वाली है!

आप अगर एनसीआर समेत उत्तर भारत के किसी राज्य में रहते हैं तो मार्च का महीना आपको पिछले वर्षों के मुकाबले थोड़ा गर्म महसूस हुआ होगा. असल में, राजस्थान, पश्चिम मध्य प्रदेश और गुजरात सहित पूरे मध्य भारत में तापमान अधिक रहा है. इन सभी क्षेत्रों में तापमान सामान्य स्तर से ऊपर बना हुआ है, लेकिन हीटवेव स्तर तक पहुंचने के लिए पर्याप्त ऊंचा नहीं है. मौजूदा स्थिति में निचले वायुमंडलीय स्तरों में हवाएं राष्ट्रीय राजधानी के ऊपर भी तेज चल रही हैं. यही कारण है कि तापमान ऊंचे स्तर तक नहीं पहुंच पा रहा है क्योंकि इन हवाओं के कारण वे दब रहे हैं. समय से पहले आई इस गर्मी से सिर्फ आपकी बिजली का बिल नहीं बढ़ेगा. वक्त से पहले एसी और पंखे चलने लगना तो बड़ी समस्या का कोना भर है. राजस्थान के कृषि विभाग ने साफ कर दिया है कि राज्य में गेहूं की पैदावार में इस समय से पहले की गर्मी की वजह से तीन लाख मीट्रिक टन से लेकर पांच लाख मीट्रिक टन की कमी आ सकती है. गेहूं की पछैती फसल में दाने छोटे होंगे और उसकी कीमत कम होगी. किसान के लिए यह कैसी समस्या होगी यह आप सहज अंदाजा लगा सकते हैं. यह महज उत्तर भारत की घटना नहीं है.

‘Don’t keep asking such questions’: Baba Ramdev snaps at journalist when asked about fuel price hike

“Don’t keep asking such questions. Am I your contractor who has to keep answering your questions?” This is what yoga guru Baba Ramdev snapped at a persistent journalist when asked about rising petrol and diesel prices in the country, according to NDTV . A video of the interaction in Karnal was posted on Twitter by NDTV journalist Mohammad Ghazali. Ramdev can be heard saying, “The government says that if oil prices are less then they won't get tax. So, how will they run the country, pay the military, build roads...Everyone must work hard. Even as a sanyasi, I work from 4 am to 10 pm.” Yoga Guru Ramdev was seen on camera losing his cool and threatening a journalist, who asked him about his comments in the past on reducing petrol price. @ndtv pic.twitter.com/kHYUs49umx — Mohammad Ghazali (@ghazalimohammad) March 30, 2022 A journalist, who hasn’t been identified, then asked Ramdev about his previous comments on a government that must ensure petrol at Rs 40 a litre and cooki

2022 इतिहास के सबसे गर्म 10 वर्षों में बना सकता है जगह

वैश्विक तापमान में होती वृद्धि रुकने का नाम ही नहीं ले रही, जिसका एक और सबूत इस माह फिर से सामने आया है. जब एक और महीने का नाम जलवायु इतिहास में दर्ज हो गया है. नेशनल ओसेनिक एंड एटमोस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के नेशनल सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल इंफॉर्मेशन (एनसीईआई) द्वारा जारी हालिया रिपोर्ट के हवाले से पता चला है कि फरवरी 2022 का महीना इतिहास का सातवां सबसे गर्म फरवरी का महीना था. जब तापमान सामने यानी 20वीं सदी के औसत तापमान से 0.81 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया था. वहीं यदि जनवरी 2022 के औसत तापमान को देखें तो वो 20वीं सदी के औसत तापमान से 0.89 डिग्री सेल्सियस ज्यादा था, जिसका मतलब है कि पिछला महीना इतिहास का छठा सबसे गर्म जनवरी का महीना था. वहीं यदि सिर्फ फरवरी के तापमान को देखें तो इससे पहले फरवरी 2026 इतिहास का सबसे गर्म फरवरी का महीना था, जब तापमान सदी के औसत तापमान से 1.26 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया था. इसी तरह यदि इतिहास के 10 सबसे गर्म फरवरी के महीनों को देखें तो उनमें से आठ तो पिछले दशक में ही सामने आए हैं. इससे पहले फरवरी 2020 में तापमान 1.16 डिग्री सेल

पत्रकार का दावा- हरियाणा में मीडिया को मैनेज करने के लिए 'आप' कर रही पत्रकारों से संपर्क

पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के बाद अब राजनीतिक पार्टियों ने अन्य राज्यों पर फोकस करना शुरू कर दिया है. ऐसे में आम आदमी पार्टी (आप) जिसने पंजाब में ऐतिहासिक जीत हासिल की है, उसने अब हरियाणा में अपना प्रचार-प्रसार तेज कर दिया है. दावा किया जा रहा है कि आप ने हरियाणा में अपनी पैठ बढ़ाने के लिए कई मीडियाकर्मियों से संपर्क किया है ताकि चुनावों में इसका फायदा मिल सके. हरियाणा के रहने वाले स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया ने एक ट्वीट कर बताया कि आम आदमी पार्टी राज्य में बड़ा इन्वेस्टमेंट करने जा रही है और उन्हें भी चैनल खुलवाने का ऑफर दिया जा रहा है. आम आदमी पार्टी वाले हरियाणा मीडिया में बड़ा इन्वेस्टमेंट करने जा रहे हैं. तीन बार मुझे खुद फोन आ गया है. उधर से आवाज आती है, "भाईसाब से मिलवा देते हैं, आ जाओ. वो आपका चैनल चलवाना चाहते हैं, जो खर्च होगा वो देख लेंगे." — Mandeep Punia (@mandeeppunia1) March 30, 2022 वह लिखते हैं, “आम आदमी पार्टी वाले हरियाणा मीडिया में बड़ा इन्वेस्टमेंट करने जा रहे हैं. तीन बार मुझे खुद फोन आ गया है. उधर से आवाज आती है, भाईसाब से मिलवा देते हैं

दामों में वृद्धि के कारण भारतीय प्रिंट मीडिया पर गहराया कागज का संकट

शायद आपको इसकी जानकारी न हो कि देश के सभी अखबार पिछले कुछ समय में कागज के दामों में अभूतपूर्व वृद्धि के कारण संकट के दौर से गुजर रहे हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध ने इस संकट में आग में घी का काम किया है. हम जानते हैं कि एक अखबार के लिए पाठकों का प्रेम ही उसकी बड़ी पूंजी होती है. मेरा मानना है कि अखबार किसी मालिक या संपादक का नहीं होता है, उसका मालिक तो उसका पाठक होता है. पाठक की कसौटी पर ही अखबार की असली परीक्षा होती है. पाठक परिवार का सबसे अहम हिस्सा है इसलिए हर पाठक को अच्छे और कठिन दौर की जानकारी होनी चाहिए. कोरोना काल के दौरान ही अखबारी कागज की किल्लत शुरू हो गई थी. दुनियाभर में अनेक पेपर मिल बंद होने से अखबारी कागज की कमी हुई और इसकी कीमतों में भारी वृद्धि होने लगी. यूक्रेन युद्ध के कारण रूस पर लगे प्रतिबंधों से रूस से अखबारी कागज की आपूर्ति पूरी तरह बंद हो गई. इससे रही-सही कसर भी पूरी हो गई है. कंटेनरों की कमी का अलग संकट है. फिनलैंड अखबारी कागज का एक बड़ा उत्पादक है, कुछ समय पहले वहां मजदूर लंबी हड़ताल पर चले गए थे. एक अन्य बड़े उत्पादक कनाडा के ट्रक ड्राइवर वैक्सीन जरूरी करने के खिल

AAP's 'health model': The quest for Delhi's 'missing' polyclinics

The Aam Aadmi Party's success in the recently concluded Punjab assembly election was largely due to its much-acclaimed Delhi model. This includes its work in healthcare, with Delhi boasting a network of mohalla clinics, speciality hospitals and polyclinics. Newslaundry visited four locations in Delhi where projects were approved to set up polyclinics for specialised care. What we found was that these health centres merely exist on paper. Watch. ‘Cough syrup deaths’: Why did children fall sick, even die, after taking dextromethorphan? Visible on the streets, invisible in policy: A long wait for help for Delhi’s street children source https://www.newslaundry.com/2022/03/30/aaps-health-model-the-quest-for-delhis-missing-polyclinics

भाजपा प्रवक्ता इंडिया टीवी की कुछ झलकियां और सुधीर चौधरी का भगत सिंह प्रेम

एक संस्था है क्रेडिट स्विस. दुनिया भर के रईसों का आंकड़ा जारी करती है. भारत वालों का भी जारी करती है. इसके आंकड़ों के जरिए हम डिजिटल इंडिया की एक तस्वीर आपके सामने रखने जा रहे हैं. वही डिजिटल इंडिया जिसकी राह में मोदीजी से पहले की सरकारों ने जाने कैसे-कैसे रोड़े अटका रखे थे. इसी डिजिटल इंडिया को कैशलेस इकोनॉमी बनना था. नोटबंदी इसका पहला कदम था. इसके बाद कश्मीर से आतंकवाद समाप्त हो जाना था, भारत के अलहदा हिस्सों से नक्सलवाद खत्म हो जाना था, सरकारी दफ्तरों से भ्रष्टाचार खत्म हो जाना था, कालेधन वालों का काला पैसा सामने आ जाना था. इसी डिजिटल इंडिया के कुछ करोड़पतियों की सूची क्रेडिट स्विस हर साल जारी करता है. हमारी बातचीत का आधार बिजनेस स्टैंडर्ड में छपा एक लेख है जो 2019 के आंकड़ों पर आधारित है. संस्था बताती है कि उस साल भारत में 7,64,000 डॉलर मिलिनेयर थे. अगर हम इस आंकड़े का मिलान भारत सरकार के आंकड़ों से करें तो साल 2019 में जिन करोड़पतियों ने इनकम टैक्स रिटर्न भरा था उनकी संख्या तीन लाख सोलह हजार थी. बाकी करोड़पति डिजिटल इंडिया की नज़रों से दूर क्यों हैं. उत्तर प्रदेश में योगी आदित

Rana Ayyub stopped from flying to UK, says ED summons 'before departure'

Journalist Rana Ayyub was stopped at the Mumbai airport before her flight to London to deliver a speech on the intimidation of journalists. She alleged that summons by the Enforcement Directorate “very curiously” reached her email inbox only after she was halted at immigration. The journalist is an accused in an alleged money laundering case which is being probed by the ED. Ayyub tweeted that the eleventh hour summons came despite the event by the International Center for Journalists being made public on social media weeks ago. I was stopped today at the Indian immigration while I was about to board my flight to London to deliver my speech on the intimidation of journalists with @ICFJ . I was to travel to Italy right after to deliver the keynote address at the @journalismfest on the Indian democracy — Rana Ayyub (@RanaAyyub) March 29, 2022 Following the incident, the ICFJ said on Twitter that it was “alarmed at the blatant legal harassment of Rana Ayyub by Indian authorities”

प्रकाशन की आध्यात्मिक दुनिया में रॉयल्टी की माया वाया विनोद कुमार शुक्ल

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अभिनेता मानव कौल के इंस्टाग्राम पोस्ट के बाद शुरू हुआ किताबों की रॉयल्टी का विवाद तू-तू, मैं-मैं के साथ अब दम तोड़ता दिख रहा है. अपने पोस्ट में कौल ने बकौल विनोद कुमार शुक्ल हिंदी के कुछ प्रतिष्ठित प्रकाशकों पर रॉयल्टी में हेरफेर का आरोप लगाया था. कौल ने लिखा था- ‘‘पिछले एक साल में, वाणी प्रकाशन से छपी तीन किताबों के इन्हें मात्र छह हजार रुपए मिले हैं. और राजकमल प्रकाशन से पूरे साल के मात्र आठ हजार रुपए. मतलब देश का सबसे बड़ा लेखक साल के 14 हजार रुपए मात्र ही कमा रहा है. पत्र व्यवहार में इन्हें महीनों तक जवाब नहीं मिलता है. वाणी को लिखित में दिया है कि किताब न छापे पर इस पर भी कोई कार्रवाई नहीं.’’ मानव के पोस्ट के बाद रॉयल्टी को लेकर बहस शुरू हो गई. इसे कई पत्रकारों और मीडियाकर्मियों ने भी सोशल मीडिया पर उठाया. विनोद कुमार शुक्ल की प्रतिष्ठा सामयिक हिंदी जगत की कुछेक शीर्ष साहित्यकारों में है. इसलिए देखते ही देखते यह मामला तूल पकड़ गया. कौल की पोस्ट के बाद शुक्ल का एक वीडियो सामने आया. करीब चार मिनट के वीडियो में शुक्ल अपनी परेशानियों का जिक्र करते हैं, ‘‘मुझे अब तक मालूम नहीं था कि म

Daily Dose Ep 1006: UP on Ashish Mishra’s bail, Mamata calls for opposition unity

Tanishka Sodhi brings you the news from the Parliament, the Supreme Court, West Bengal and Ukraine. Produced by Aditya Varier, edited by Samarendra K Dash. You can get updates about all our podcasts via Twitter and Facebook . source https://www.newslaundry.com/2022/03/29/daily-dose-ep-1006-up-on-ashish-mishras-bail-mamata-calls-for-opposition-unity

क्या खैरात बांटना ही लोक कल्याणकारी राज की अवधारणा है?

हैदराबाद के अंतिम निजाम मीर ओसमान अली खान के बारे में एक किंवदंती है कि एक दिन वह अपने रथ से कहीं जा रहे थे तो एक आदमी की मृत्यु उनके रथ के पहिए के नीचे आ जाने से हो जाती है. ओसमान साहेब तो ठहरे दिलदार. उन्होंने अपना खजाना उसके घर वालों के लिए खोल दिया. यह बात जंगल की आग की तरह फैल जाती है. अब ओसमान साहेब का बाहर निकलना बंद. जैसे ही उनका रथ निकले कोई न कोई उनके पहिे के नीचे आ जाता. स्थिति बहुत गंभीर हो गई. फिर ओसमान साहेब को एक फरमान निकालना पड़ा कि जो कोई उनके पहिए के नीचे आएगा उसके परिवार वालों को कठिन यातनाएं दी जाएंगी. यातना के डर से लोगों ने मरना छोड़ दिया. कहने का आशय यह है कि लोग पैसे के लिए या फिर मुफ्त में कुछ पाने के लिए मरने से भी नहीं चूकते, तो पंजाब या देश के अन्य भागों में जब जनता खैरात बांटने वालों को अपना अधिनायक चुन लेती है तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए. केंद्र में मोदी सरकार और दिल्ली में केजरीवाल सरकार भी ओसमान साहेब की तरह खैरात बांटने की योजना चला रही है जिसमें कांग्रेस की राजस्थान और छत्तीसगढ़ सरकारें भी घुसती चली जा रही हैं. यह लोग लोककल्याणकारी राज के नाम पर रहम प

न्यूज़ पोटली 282: फिर बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम, भारत बंद और प्रमोद सावंत ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ

पेट्रोलियम कंपनियों ने बढ़ाए पेट्रोल-डीजल के दाम, मोदी सरकार की नीतियों को लेकर ट्रेड यूनियनों ने किया भारत बंद, भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जिन राज्यों में हिंदुओं की संख्या कम है वहां की सरकारें उन्हें अल्पसंख्यक घोषित कर सकती हैं, गोवा के मुख्यमंत्री के तौर पर प्रमोद सावंत ने ली दूसरी बार शपथ और कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद चीन में लगा लॉकडाउन. होस्ट- अश्वनी कुमार सिंह प्रोड्यूसर- आदित्या वारियर एडिटिंग- सैफ अली इकराम *** आप इन चैनलों पर भी सुन सकते हैं न्यूज़ पोटली : Apple Podcasts | Google Podcasts | Spotify | Castbox | Pocket Casts | TuneIn | Stitcher | Breaker | Overcast | JioSaavn | Podcast Addict | Headfone अपने बीच 'पांचवें स्तंभ' की मौजूदगी को लेकर क्यों चिंतित हैं, कश्मीरी पत्रकार? 35 साल पहले भूख के लिए बेटी को बेच देने वाली फनस पुंजी का हाल source https://hindi.newslaundry.com/2022/03/28/news-potli-petrol-and-diesel-prices-hike-bharat-bandh-and-pramod-sawant-oath-as-chief-minister-of-goa

Russia's leading independent paper suspends operations after Kremlin warnings

Novaya Gazeta , one of Russia’s leading independent newspapers, is suspending operations until the end of the war in Ukraine, the daily said Monday. The newspaper, whose editor Dmitry Muratov won the Nobel Peace Prize last year, said it had taken the decision after receiving multiple warnings of legal action from the government’s Roskomnadzor censorship agency. This came a day after Russia’s communications watchdog asked the media to refrain from reporting a 90-minute Zoom interview of Ukrainian president Volodymyr Zelenskyy by four prominent journalists and said it had started a probe into the outlets which had interviewed the leader. The official reason for the warnings to the newspaper was its alleged failure to properly label “foreign agents” in its articles, but the warnings are widely considered to be in retaliation to Novaya Gazeta ’s coverage of the invasion, according to Moscow Times . “We received another warning from Roskomnadzor. After that, we are ceasing covering bot

35 साल पहले भूख के लिए बेटी को बेच देने वाली फनस पुंजी का हाल

यह कहानी 27 जुलाई 1985 की दोपहर की उस बातचीत से शुरू होती है, जिसकी याद के साथ फनस पुंजी आज तक जी रही है. उनकी उम्र जैसे-जैसे बढ़ती जाती है, उस बातचीत की आवाजें उनके कानों में और गूंजने लगती हैं. अब वह 70 साल की हैं और 37 साल पहले की वह बातचीत उनकी इकलौती स्मृति है. जैसे कि उनके जीवन में उसके अलावा और कोई बात न हुई हो और अगर वह बात न होती तो वह अपनी चिरस्थायी हालत को उस तरह से देखती भी नहीं. जब वह उस बातचीत को याद करती हैं तो अपनी आखें बंद कर लेती हैं और उनका चेहरा सख्त हो जाता है. वह जड़ होकर वह पूरी बातचीत याद करती हैं. उस दिन, वह उस ‘अजनबी’ के सामने करीब 100 शब्द बोली थीं, जो एक बड़े काफिले के साथ उनसे मिलने आया था. वह और वह ‘अजनबी’ दोनों, एक- दूसरे की भाषा समझ नहीं सकते थे. इसलिए एक दुभाषिये ने शोकगीत की लहर जैसी उस बातचीत को दुनिया के सामने पेश किया. फनस ने उस ‘अजनबी’ को अपनी स्थानीय भाषा में बताया था, "खाने की खातिर कुछ खरीदने के लिए मुझे अपनी 14 साल की ननद को 40 रुपए में बेचना पड़ा. अगर मैं ऐसा नहीं करती तो भूख से मर जाती." उनकी ननद को खरीदने वाले शख्स ने फनस को एक साड़ी