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Showing posts from February, 2022

एक और चुनावी शो: योगी- मोदी सरकार द्वारा चलाई जा रहीं योजनाओं पर क्या कहते हैं लोग?

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'एक और चुनावी शो' में आपका स्वागत है. न्यूज़लॉन्ड्री की टीम इस समय उत्तरप्रदेश के उन इलाकों में है जहां मतदान होना है. आज हम यूपी के गोरखपुर जिले के परसिया गांव में हैं. जहां हमने केंद्र सरकार द्वारा चलाई गईं योजनाओं के तहत मिले फायदों के बारे में लोगों से बातचीत की. स्थानीय निवासी किकोरी लाल प्रजापति कहते हैं, "हमें सरकार की गरीब कल्याण अन्न योजना का लाभ मिल रहा है. हमें महीने में दो बार राशन मिलता है. मेरे परिवार में तीन लोग हैं और 15 किलो राशन मिलता है. किसान सम्मान निधि योजना के तहत चार महीने में दो हजार रूपए भी खाते में आते हैं. साथ ही आयुष्मान कार्ड से हमें इलाज मुफ्त मिलता है." वहीं छबिया बताती हैं, "मेरे घर में चार लोग हैं, सरकार हमें 20 से 22 किलो राशन देती है. जरूरत की सभी चीजें हमें मिल रही हैं. बैंक खाते में हर महीने दो हजार रूपए भी आते हैं, जिससे हमारा घर चल जाता है." एक अन्य महिला बताती हैं, "हमारे घर में पानी भर जाता है. हमने पीएम आवास योजना के तहत आवेदन किया था लेकिन अभी तक हमें कोई आवास नहीं मिला है. आयुष्मान कार्ड बना हुआ है लेकिन उ

एक और चुनावी शो: योगी बनाम अखिलेश, ज़ी न्यूज़ बनाम एनडीटीवी और मायावती का कार्यकाल

'एक और चुनावी शो' में आपका स्वागत है. हमारा आज का मॉर्निंग शो दीनदयाल उपाध्याय यूनिवर्सिटी, गोरखपुर के छात्रों के साथ रिकॉर्ड किया गया. इस दौरान छात्रों की समस्या, यूनिवर्सिटी की समस्या, यूनिवर्सिटी प्रशासन का रवैया आदि कई मसलों पर बातचीत हुई. छात्र मीडिया की स्थिति के बारे में भी बात करते हैं. उन्हें ज़ी न्यूज़ दिलचस्प क्यों लगता है; और वे लल्लनटॉप, दैनिक जागरण, एनडीटीवी और न्यूज़लॉन्ड्री के बारे में क्या सोचते हैं. छात्रों ने जाति की राजनीति, समाजवादी पार्टी की "माफिया राज" की छवि, मायावती राज में सुशासन और योगी की हिंदुत्व की राजनीति पर भी अपनी राय रखी. साथ ही चुनाव में छात्रों के मुद्दे और राजनीतिक दलों के प्रति छात्रों का क्या नजरिया है जैसे कई अन्य मसलों पर भी बात की. बता दें कि हम अपने शो में रोजाना अखबारों पर नजर डालते हैं, कि अखबारों में किस राजनीतिक दल के सबसे ज्यादा विज्ञापन हैं. अखबारों का पहला पन्ना क्या सुर्खियां बटोर रहा है. साथ ही अखबारों के कार्टून किसके निशाने पर हैं? हम यहां से हर दिन सुबह अखबारों की सुर्खियों पर भी बात करते हैं. *** यह शो हम

West Bengal: Journalists 'attacked' as violence breaks out during civic polls

Several journalists were reportedly among those attacked and injured as violence broke out in West Bengal on Sunday, when voting took place for elections to 108 municipalities across 20 districts. At least nine journalists of different media houses were beaten up, thrashed and admitted to hospitals while covering irregularities in the civic polls in West Bengal, cameras were broken, mics were snatched and thrown into drain pic.twitter.com/cXsfrFOSuv — Soumyajit Majumder (@SoumyajitWrites) February 27, 2022 According to the Hindu , "at least four journalists working for local television networks including video journalists sustained injuries when they were attacked". This included media persons who were trying to "record irregularities and violence" in North Dumdum Municipality in Kolkata and in Kanthi in Purba Medinipur district. The Indian Express said a reporter and cameraperson with a private Bengali news channel were "assaulted" in North Dum

Morning Show Ep 20 ft Gorakhpur Univ students: Yogi vs Akhilesh, Zee News vs NDTV

In this episode, Team Newslaundry settles down for a fun chat on the UP assembly election with the students of Deen Dayal Upadhyaya Gorakhpur University. The students talk about the state of the media; why they find Zee News interesting; and what they think of Lallantop , Dainik Jagran , NDTV and Newslaundry . They talk about the staff shortage at their university, why unemployment is a major issue, and why they think Yogi Adityanath is more of an entertainer than a statesman. On Akhilesh vs Yogi, the students explain who they prefer and why the media misrepresents Mayawati. Caste politics, the Samajwadi Party’s “mafia raj” image, Behenji’s voter base and good governance, Yogi’s Hindutva politics – the students weigh in on all these issues and more. Watch. Morning Show Ep 19 ft Manoj Singh: What's the mahaul in Yogi Adityanath's Gorakhpur? source https://www.newslaundry.com/2022/02/28/morning-show-ep-20-ft-gorakhpur-univ-students-yogi-vs-akhilesh-zee-news-vs-ndtv

जब मिल बैठे दो भगवाधारी.. एक पत्रकार और एक नेता

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सुदर्शन टीवी के संपादक सुरेश चव्हाणके की मुस्लिम समुदाय के प्रति गहरी नफरत कई बार उनके भाषणों से सामने आ चुकी है. लेकिन इस घृणा का एक और ताजा नमूना फिर से टीवी पर देखना को मिला है. उत्तर प्रदेश में जारी विधानसभा चुनावों के बीच सुदर्शन टीवी पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का एक इंटरव्यू प्रसारित हुआ. इस इंटरव्यू में सुरेश चव्हाणके ने पूछा, “आपने कोरोना काल में बहुत अच्छा काम किया, विदेशों में भी तारीफ हुई, एक छोटे से वायरस को आपने गंभीरता से लिया लेकिन एक सात फुट ऊंचा, तीन फुट चौड़ा हैदराबाद से एक वायरस आता है और सुअरों को संक्रमित करता है, उससे कैसे अपने राज्य को बचाएंगे?” दरअसल यहां पर चव्हाणके, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन या एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी को 'वायरस' बोल रहे हैं. इसके जवाब में योगी आदित्यनाथ ने कहा, “जितने भी प्रकार के वायरस आएंगे उनको नियंत्रित करने का अब हमारे पास बहुत अच्छा प्रबंधन है.” इसके बाद चव्हाणके अपने चैनल पर चलाए जा रहे मजहबी युद्ध शो की बात करते हैं. इस पर योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि जो दंगा, अराजकता और माफिया का समर्थक

यूपी चुनाव: आवारा पशुओं पर यूपी सरकार ने दिया विरोधाभासी जवाब

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पिछले मंगलवार को लखनऊ से सटे बाराबंकी में जिस मैदान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रैली होनी थी वहां ग्रामीणों ने सैकड़ों की संख्या में आवारा पशु छोड़ दिए. लोगों ने सरकार का ध्यान खींचने के लिे यह तरीका अपनाया. सत्ताधारी पार्टी के लिए यह खतरे की घंटी की तरह था, क्योंकि राज्य में आवारा पशु किसानों के लिए बहुत बड़ी समस्या बन गए हैं. यहां कच्चे-पक्के रास्तों और हाईवे पर आवारा पशुओं का दिखना आम है. सड़क चलते खेतों के किनारे धोतियों, रस्सियों और कंटीले तारों की बाड़, और रात में पहरे के लिए बनी मचान दिखाई दे जाती है. सर्द रातों में, इन्हीं खेतों पर किसान पहरा देते हैं और उन्हें खटिया से उठकर जानवरों के पीछे भागना पड़ता है. खेतों में घूमते आवारा पशु लखनऊ से करीब 100 किलोमीटर दूर अपने खेतों में पहरा देते 48 साल के मनोहर सिंह का दिल खेती से उकता गया है. वह कहते हैं, “जानवर इस खेत से उस खेत में फिरते हैं. गन्ना बोया नहीं, धान चला गया और गेहूं है नहीं. जो था वो जानवर चर गए.” इनका दर्द सुनिये ये किसान रात भर खेतों में रहते हैं। pic.twitter.com/skSHHH5Ozr — Hridayesh Joshi (@hridayeshjos

Hafta letters: Author’s argument bigger than identity, crypto a scam

Dear NL team, I am just writing this as a response to S last week, who suggested adding the caste and religion of authors to the bylines of NL articles. I personally think that just adding caste and religion is not enough and we should add their annual income, their parents’ income, their home and current state, their marital status and their sexuality to the byline. In case it’s not clear, I am being satirical. I think it is a farce to reduce individual identities to their caste or religion. Ideas (and articles) should be judged by the merits of the argument, not the source behind it. All individuals are unique and it is impossible to know or understand their motivations without going through their entire life experience. Aryan *** Hi y'all, Listen to this * rap * by Raja Singh. GSR Chaitanya *** Hi Hafta team, There have been a lot of questions regarding crypto, asking for explainers. This two-hour video does a fantastic job at explaining cryptocurrencies and NFTs. I

TV Newsance Election Special: The real story of drug addiction that Arnab Goswami didn’t tell you

From chasing cars to banging desks, we’ve seen it all when it comes to TV news tamasha around ‘drugs’ – whether it is picking apart Deepika Padukone’s “maal chats” or hounding Rhea Chakrobarty on her “drug preference”. But all those cringe telecasts from the past two years pale against real stories of addiction we picked up for the Assembly Election 2022 coverage in Punjab. While TV news only ever used the subject as a distraction technique, drug abuse and addiction were real issues on ground as Punjab went to polls this month. We spoke to a young man and his father at a government de-addiction centre, struggling with heroin use. We also met Dr Bhatia, founder of a Neuropsychiatrist Hospital in Amritsar and some of his patients who were recovering from different kinds of dependencies. Dr Bhatia spoke about how detrimental humiliation and shame can be for victims of addiction, and how the media contributes to the social stigmatisation of drug abuse. Watch. Meet the ex-IPS officer

Daily Dose Ep 980: PIL for evacuation of Indians in Ukraine, arrest in NSE case

Tanishka Sodhi brings you the news from the Supreme Court, Chennai, Kashmir, and Ukraine. Produced by Rounak Bhat, edited by Umrav Singh. Research assistance by Ritika Chauhan. Contribute to our NL Sena for the election coverage here . You can get updates about all our podcasts via Twitter and Facebook . source https://www.newslaundry.com/2022/02/25/daily-dose-ep-980-pil-for-evacuation-of-indians-in-ukraine-arrest-in-nse-case

न्यूज़ पोटली 256: यूक्रेन- रूस के बीच जंग और नवाब मलिक विवाद

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक को अदालत ने 3 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेजा, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि फरार व्यवसायियों विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत, कार्यवाही शुरू होने के बाद बैंकों को 18 हजार करोड़ रुपए वापस लौटाए, देश भर में कोरोना के 14 हजार 148 नए मामले आए सामने, मणिपुर विधानसभा चुनाव के पहले चरण के पूर्व, सशस्त्र बलों ने म्यांमार से भारत लाए जा रहे तात्कालिक विस्फोटक उपकरणों को किया जब्त और यूक्रेन- रूस के बीच जंग की शुरू. होस्ट- अवधेश कुमार प्रोड्यूसर- तहरीन रौशन एडिटिंग- उमराव सिंह *** आप इन चैनलों पर भी सुन सकते हैं न्यूज़ पोटली : Apple Podcasts | Google Podcasts | Spotify | Castbox | Pocket Casts | TuneIn | Stitcher | Breaker | Overcast | JioSaavn | Podcast Addict | Headfone उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव: धीमी पड़ गई प्रदेश की आर्थिक वृद्धि, रोजगार पर भी डाला गहरा असर अयोध्या का बदलता चेहरा और 2024 की तैयारी source https://hindi.newslaundry.co

यूपी चुनाव 2022: बांदा में सड़क किनारे मरी हुई गायें और लोगों की बदहाल जिंदगी

न्यूज़लॉन्ड्री की टीम जब अपनी चुनावी यात्रा को दैरान उत्तरप्रदेश के बांदा जिले में पहुंची, तब यहां के बबेरू कस्बे में थोड़ी-थोड़ी दूरी पर, सड़क किनारे मरी हुई गायों और दूसरे मवेशियों की लाशें दिखाई दे रही थीं. यहां बबेरू ओरन रोड पर एक मुक्तिधाम है. मुक्तिधाम के गेट के बगल में नाले के आसपास लगभग 10 गायें और दूसरे मृत जानवर नजर आते हैं. उन्हें कुत्ते और पक्षी नोचकर खाते दिखाई देते हैं. इसी के आसपास कई घर भी हैं. हमने यहां कुछ लोगों से बात कर जानने की कोशिश की, कि ये मरी हुई गायें सड़क किनार नाले के पास क्यों फेंकी गई हैं? स्थानीय निवासी प्रदीप चतुर्वेदी न्यूज़लॉन्ड्री को बताते हैं, "शहर में कोई मवेशी मरे, या कहीं और, सरकारी कर्मचारी इन्हें लाकर यहीं फेंक जाते हैं. केवल सरकारी कर्मचारी ही नहीं, बल्कि मवेशी मालिक भी इधर ही लाकर फेंकते हैं. यहां इतनी बदबू आती है कि आना-जाना मुश्किल हो जाता है. पास में ही हरौड़ नाम की एक जगह मृत मवेशियों की अंतिम क्रिया के लिए आरक्षित की गई थी, लेकिन उस जगह पर कब्जा हो गया." क्या सरकार ने वह कब्जा हटवा कर इन पशुओं की अंतिम क्रिया का इंतजाम नहीं किया?

अयोध्या का बदलता चेहरा और 2024 की तैयारी

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अयोध्या में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की रैली में जय श्री राम के नारों के साथ “आएंगे तो योगी जी” और “आएगी बीजेपी ही” लाउडस्पीकरों से गूंज रहा है. नड्डा भी अपने भाषण की शुरुआत “सांस्कृतिक राष्ट्रवाद” और राम मंदिर के प्रति समर्पण से करते हैं. अयोध्या में अपनी रैली में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राम मंदिर और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के बहाने विपक्ष पर हमला किया. नड्डा मंच से कहते हैं, “राम जन्म भूमि हमारा लक्ष्य था. सांस्कृतिक राष्ट्रवाद हमारा लक्ष्य था…. और इसका रूप राम जन्मभूमि में निहित था. आज बहुत सारे लोग वोट मांगने आएंगे. प्रजातंत्र है सबको वोट मांगने का अधिकार है. लेकिन जब ये लोग (विपक्षी पार्टियां) वोट मांगने आएं तो आप इनसे जरूर पूछना कि आप ही थे ना, आप ही की सरकार थी ना जिन्होंने राम भक्तों पर गोलियां चलाईं थी.” अयोध्या का बदलता चेहरा एक जमाने में अयोध्या कम्युनिस्टों का गढ़ रहा. 1989 में राम मंदिर आंदोलन के उफान में भी सीपीआई के मित्रसेन यादव ने यहां से लोकसभा चुनाव जीता. लेकिन फिर यहां का राजनीतिक परिदृश्य पूरी तरह बदल गया. कट्टर हिंदुत्व का चेहरा माने जाने वा

Daily Dose Ep 978: Phase 4 polling in UP, ED arrests Nawab Malik

Tanishka Sodhi brings you the news from Uttar Pradesh, Maharashtra, the Supreme Court and Ukraine. Produced by Tehreem Roshan, edited by Satish Kumar. Research assistance by Vartika Walani. Contribute to our NL Sena for the election coverage here . You can get updates about all our podcasts via Twitter and Facebook . source https://www.newslaundry.com/2022/02/23/daily-dose-ep-978-phase-4-polling-in-up-ed-arrests-nawab-malik

Awful and Awesome Ep 241: Inventing Anna, Pam & Tommy and tick, tick...BOOM!

While reviewing the film tick, tick...BOOM! Rajyasree: He (Andrew Garfield) learned singing for this role. So, which means even I can learn singing if I get a music role! Abhinandan: No, that would require a miracle. Abhinandan and Rajyasree burst out laughing. This and a whole lot of other stuff awful and awesome as Abhinandan Sekhri and Rajyasree Sen review the film tick, tick...BOOM!, web series Pam & Tommy and Inventing Anna . Song: What Ve Write to us at newslaundry.com/podcast-letters . Contribute to our NL Sena project, Assembly Elections 2022 . Timecodes 00:01 - Introduction 04:09 - Subscriber letters 05:44 - tick, tick...BOOM! 14:15 - Subscriber letters 16:38 - Pam & Tommy 24:39 - Subscriber letters 26:30 - Inventing Anna 43:08 - Subscriber letters References tick, tick...BOOM! Victor Victoria (1982) Pam & Tommy LFG US women's national team reach agreement with US soccer over equal pay Awful and Awesome Ep 217: Malik, Feels Like Is

न्यूज़ पोटली 255: हिजाब बैन को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक गिरफ्तार

दैनिक भास्कर समाचार पत्र की रिपोर्ट का दावा कि गुजरात में करीब 6 हजार करोड़ रुपए का हुआ था कोयला घोटाला, कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब बैन को लेकर हाई कोर्ट में सुनवाई, देश भर में कोरोना के 15 हजार, 102 नए मामले आए सामने, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक को पूछताछ के बाद किया गिरफ्तार और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा यूक्रेन के दो अलगाववादी क्षेत्रों को मान्यता देने के बाद, अमेरिका ने पश्चिमी देशों सहित रूस के खिलाफ प्रतिबंधों की घोषणा की. होस्ट- रौनक भट्ट प्रोड्यूसर- रौनक भट्ट एडिटिंग- उमराव सिंह *** आप इन चैनलों पर भी सुन सकते हैं न्यूज़ पोटली : Apple Podcasts | Google Podcasts | Spotify | Castbox | Pocket Casts | TuneIn | Stitcher | Breaker | Overcast | JioSaavn | Podcast Addict | Headfone क्यों मीडिया को राहुल के भाषण में 'दूसरे भारत' की ओर ध्यान देना चाहिए? उत्तर प्रदेश विधा

अखबार, टीवी और रेडियो को मोदी सरकार ने 2017 से अब तक दिए 2500 करोड़ रुपए के विज्ञापन

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मोदी सरकार ने राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में बताया कि सरकार ने अखबार, टीवी और रेडियो पर साल 2017 से 10 फरवरी 2022 तक विज्ञापन पर 2594.78 करोड़ रुपए खर्च किए हैं. यह सवाल माकपा के सांसद वी शिवादासन ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से पूछा था. सांसद ने सवाल किया कि साल 2017 से फरवरी 2022 तक समाचार पत्रों, टीवी मीडिया, रेडियो और सोशल मीडिया पर विज्ञापन के रूप में कितना खर्च किया गया है. केंद्रीय मंत्रालय ने अपने जवाब में बताया कि ब्यूरो ऑफ आउटरीच एंड कम्यूनिकेशन (बीओसी)द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से 2017-18 से अभी तक 7.20 करोड़ रुपए खर्च किए गए. वहीं बीओसी ने बताया कि प्रकाशनों के माध्यम से साल 2017-18 से लेकर फरवरी 2022 तक 1654.57 करोड़ रुपए खर्च किया गया है. इसमें सबसे ज्यादा विज्ञापन 2017-18 के दौरान किया गया. सरकार ने 6782 प्रकाशनों के जरिए 636.09 करोड़ रुपए खर्च किए. वहीं 2021-22 में 5608 प्रकाशनों के जरिए 96.39 करोड़ रुपए खर्च किए. टीवी चैनलों पर विज्ञापन के रूप में सरकार ने 479.61 करोड़ खर्च किए हैं. इसमें भी सबसे ज्यादा खर्च साल 2017-18 के दौरान किया गया. सरकार ने 201

एनडीटीवी ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल के 'ब्लैकआउट पीरियड' से बाहर

एनडीटीवी ने कहा है कि वह बार्क (ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल) के 'ब्लैकआउट पीरियड' (एक अवधि जिस दौरान रेटिंग सार्वजनिक नहीं कि गयी थी) से बाहर हो रहा है. चैनल ने कहा है कि, "वो उन नेटवर्कों में से एक है, जिन्होंने रेटिंग में शामिल नहीं होने का विकल्प चुना है." इस महीने की शुरुआत में, बार्क ने समाचार चैनलों को पिछले 13 सप्ताह के रोल्ड डेटा को प्राप्त करने और न प्राप्त करने का विकल्प दिया था. बता दें कि 12 जानवरी को सूचना प्रसारण मंत्रालय की ओर से बार्क को तत्काल प्रभाव से न्यूज़ चैनल की रेटिंग जारी करने का आदेश दिया गया था. मंत्रालय ने न्यूज़ चैनलों की बीते तीन महीने की मासिक रेटिंग भी जारी करने को कहा था, ताकि वास्तविक रुझान को निष्पक्ष तरीके से पेश किया जाए. इसके बाद बार्क इंडिया ने 7 फरवरी को सूचित किया था कि, वह 17 मार्च से अलग-अलग समाचार चैनलों के लिए चार-सप्ताह का रोलिंग औसत डेटा जारी करना शुरू करना चाहता है. पंजाब: सोशल मीडिया का बेजा इस्तेमाल कर ‘जिंदगी को जहन्नुम’ बनाने वाला यूएपीए कानून क्यों मीडिया को राहुल के भाषण में 'दूसरे भारत' की ओर ध्या

NL Recess: Come hang out with Saeed Naqvi

In the next edition of NL Recess, we are hosting journalist and writer Saeed Naqvi to discuss his book The Muslim Vanishes . And because it’s Recess, you’ll have exclusive access to watch the event live and, if you so wish, ask questions! This NL Recess is scheduled for Saturday, February 26, at 7 pm IST . To participate in NL Recess, all you need to do is login to the Newslaundry website with your active subscription and visit this story. You can join as a ‘view only’ attendee, and interact with the author via the comments widget. See you Saturday! In case you can't make it and have questions, you can post your questions in advance. If you missed previous editions of NL Recess, you can catch those conversations here , and watch the session promos here . source https://www.newslaundry.com/2022/02/22/nl-recess-come-hang-out-with-saeed-naqvi

UP police says Umar Gautam tried to change India’s ‘population demography’. Where’s the evidence?

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Days before the first phase of polling for the Uttar Pradesh assembly, the Bharatiya Janata Party presented its election manifesto, the Lok Kalyan Sankalp Patra. In it, the party promised to amend the state’s anti-conversion law to introduce a minimum imprisonment of 10 years and a fine of Rs 1 lakh. At present, the law, which was passed in November 2020, invites a penalty of up to 10 years in jail. Conversion and fanning fears of “social engineering” have been among the BJP’s election planks during the recent campaign. When listing his government’s achievements , chief minister Adityanath mentioned the anti-conversion law. In October last year, an article by Adityanath’s biographer Shantanu Gupta in the Organiser – a publication affiliated to the Rashtriya Swayamsevak Sangh – described the anti-conversion law as a “ surgical strike ”. One of the cases that Gupta wrote about in some detail was the arrest of the founder and chairman of the Islamic Da’wah Centre, Mohammad Umar Gautam

Ahead of resumption of TRPs, NDTV opts out of ratings for ‘blackout’ period

In a statement on Monday, the NDTV said that it is among the networks that have chosen to not be included in the ratings which are soon to be released for the last few months. “During this period, ratings were blacked out because of the grave corruption and mismanagement involved in the process.” The statement comes weeks ahead of the resumption of television ratings – suspended since October 2020 following an alleged TRP scam that allegedly involved top executives from Republic TV. “NDTV has been among the earliest and biggest proponents of an exercise to clean up a dirty (and shockingly open) secret: a ratings system that misleads advertisers, and their agencies, by grossly misrepresenting each channel's market share.” Months after it suspended data for individual news channels, the Broadcast Audience Research Council had earlier said that it will resume issuing the data on March 17. The announcement came almost a month after the Union Ministry of Information and Broadcasting

Its cartoon on Ahmedabad verdict taken down, Gujarat BJP says based on ‘real photographs’

A day after Twitter removed a caricature tweeted by the Gujarat BJP unit on a court verdict sentencing 38 people to death in the 2008 Ahmedabad serial blasts, the governing party on Monday claimed the cartoon was based on real photographs and did not target any particular religion or community. However, the opposition Congress and some social activists hailed Twitter's decision to remove the cartoon, and claimed the BJP was trying to gain political mileage out of the court's judgment. The cartoon depicted a group of bearded men wearing skull caps hanging by a noose. It had a Tricolour and a drawing depicting the scene of a bomb blast in the background, with "Satyamev Jayate" written on its top right corner. It was posted on the Gujarat BJP's official Twitter handle on Saturday, a day after a special court here sentenced to death 38 convicts and handed life terms to 11 others in the case of 2008 serial bomb blasts in which 56 people had lost their lives and over

‘Name the person’: Cricketers back Wriddhiman Saha over WhatsApp ‘threat’

WhatsApp messages sent by an unidentified “journalist” to Wriddhiman Saha, an Indian wicketkeeper not picked for the Test series against Sri Lanka, have triggered a controversy. Saha, who tweeted a screenshot of the messages appearing to seek an interview, has received support from several quarters, with many urging him to reveal the journalist’s identity. “After all of my contributions to Indian cricket..this is what I face from a so called “Respected” journalist! This is where the journalism has gone,” Saha had tweeted. “Choose whoever can help the most,” read a message. “You did not call. Never again will I interview you. I don’t take insults kindly. And I will remember this.” Former coach Ravi Shastri tweeted, “Shocking a player being threatened by a journo. Blatant position abuse. Something that’s happening too frequently with #TeamIndia. Time for the BCCI prez to dive in. Find out who the person is in the interest of every cricketer. This is serious coming from ultimate team m

"अब तो शायद मेरे मरने के बाद ही मैनेजमेंट मेरी बकाया तनख़्वाह दे"

ये शब्द पैसों की बेहद तंगी के कारण घरेलू कलह झेल रहे टी कुमार ने अपने परिवार से कहे थे. टी कुमार यूनाइटेड न्यूज़ एजेंसी ऑफ इंडिया में बतौर फोटो जर्नलिस्ट काम करते थे. और इस न्यूज़ चैनल ने पिछले 60 महीनों से उन्हें उनकी पूरी तनख़्वाह का भुगतान नहीं किया था. इसके कुछ महीनों बाद और अपनी बेटी की सगाई से करीब हफ्ते भर पहले 13 फरवरी की रात उनका मृत शरीर यूनाइटेड न्यूज़ एजेंसी ऑफ इंडिया के न्यूज़रूम में मिला. उनकी घड़ी और उनका फोन उनके मृत शरीर के पास ही रखा हुआ था. जहां एक ओर नुंगमबक्कम पुलिस मामले की छानबीन सीआरपीसी की धारा 174 के तहत अप्राकृतिक मौत की संभावना के हिसाब से कर रही है वहीं कुमार की पत्नी, बेटे, बेटी और दोस्तों के साथ ही उनके सहकर्मियों का कहना है कि यह आत्महत्या का मामला है. वो इस आत्महत्या का कारण वेतन के भुगतान में होने वाली अनियमितता को मानते हैं. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "जांच की दिशा पोस्टमोर्टेम रिपोर्ट ही तय करेगी और उम्मीद है कि सप्ताह भर में यह रिपोर्ट आ जायेगी." यूएनआई (यूनाइटेड न्यूज़ एजेंसी ऑफ इंडिया) के एडिटर इन चीफ अजय कौल ने इस बात की पुष्टि की कि कुमार को