जुबैर की गिरफ्तारी: 5 मामले जिन्हें ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक ने किया उजागर
7 जून को जब ट्विटर ने ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को यह बताते हुए कई ईमेल भेजे कि पुलिस के अनुसार उनके ट्वीट्स कानून का 'उल्लंघन' कर रहे हैं, तब उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह पोस्ट किया:
यह कोई नई बात नहीं थी. 2020 से उनके खिलाफ पॉक्सो अधिनियम, आईटी अधिनियम और आईपीसी के तहत पांच एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं. इस ट्वीट के 20 दिन बाद छठी एफआईआर हुई, जो कथित रूप से उनके चार साल पुराने एक ट्वीट की जांच के बाद दर्ज की गई.
जुबैर को वैमनस्य बढ़ाने और धार्मिक सौहार्द को बिगाड़ने के आरोपों में गिरफ्तार किया गया है. वह फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं. पुलिस की मानें तो, “जहां तक धार्मिक ताने-बाने का संबंध है”, ज़ुबैर के खिलाफ मामले के “गंभीर परिणाम हो सकते हैं.”
हालांकि जुबैर खुद पिछले पांच सालों से सोशल मीडिया पर हेट स्पीच और गलत जानकारी के मामलों को उजागर करते रहे हैं. हाल ही में उन्होंने पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ नुपुर शर्मा की टिप्पणियों का वीडियो ट्वीट किया था, जिनके कारण भारत के लिए राजनयिक स्तर पर दिक्कतें खड़ी हो गई थीं.
कई बार प्रशासन ने उनके ट्वीट्स के आधार पर कार्रवाई भी की है (यहां और यहां देखें). ऐसे पांच उदाहरणों पर नज़र डालते हैं जब ज़ुबैर ने अल्पसंख्यकों के विरुद्ध हिंसा भड़काने के मामलों को उजागर किया, और अधिकारियों ने उनमें क्या कार्रवाई की.
1. 'हम हिंदू राष्ट्र के लिए लड़ेंगे, मरेंगे और जरूरत पड़ने पर मारेंगे भी'
पिछले साल 28 दिसंबर को जुबैर ने उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले का एक वीडियो ट्वीट किया था जिसमें स्कूली बच्चे हिंदू राष्ट्र के लिए 'मारने, मरने या लड़ने' का संकल्प ले रहे थे. यह क्लिप सुदर्शन न्यूज़ पर प्रसारित हुआ था और इसके प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके ने इसे ट्वीट किया था.
स्कूल प्रबंधन ने बाद में आरोप लगाया कि सुदर्शन की टीम ने 'धोखे से' बच्चों को यह शपथ दिलाई थी. अपने ट्वीट में जुबैर ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग और इसके अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो, महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी तथा राष्ट्रीय महिला आयोग और इसकी अध्यक्षा रेखा शर्मा सहित कई हैंडल्स को टैग किया था. उन्होंने ट्वीट में कहा, 'जागिए! बोलिए!'
सोनभद्र पुलिस ने इसके जवाब में कहा था कि प्रभारी निरीक्षक को सूचित किया जाएगा. द वायर ने इस साल जनवरी में रिपोर्ट किया कि इस मामले में “दिल्ली में प्राथमिकी दर्ज करने का प्रयास असफल रहा.” न्यूज़लॉन्ड्री को पुलिस स्टेशन से कोई जवाब नहीं मिला.
2. मुसलमान 'सूअर, जंगली सूअर' हैं, केजरीवाल को 'गोली मार देनी' चाहिए
सुरेश राजपूत यति नरसिंहानंद के शिष्य हैं और अक्सर घृणा फैलाने वाले भाषण देते हैं. यूट्यूब पर एक वीडियो में उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी को 'सूअर' कहा, अरविंद केजरीवाल को 'गोली मारने' की धमकी दी, मुसलमानों को 'आतंकवादी' और 'जंगली सूअर' कहा, अपने अनुयायियों से विराट कोहली पर टोपी पहनने के लिए हमला करने के लिए कहा और 'लव जिहाद' के विरुद्ध एक रैली का नेतृत्व किया जहां उन्होंने 'मुसलमानों को गोली मारो' जैसे नारे लगाए.
पिछले साल 27 नवंबर को जुबैर ने राजपूत के नफरती भाषण पर ऑल्ट न्यूज़ की एक स्टोरी ट्वीट की थी.
राजपूत का यूट्यूब चैनल “हिंदू शेर बॉय” जिसे 10 लाख से अधिक बार देखा गया था, 2021 के मध्य में ब्लॉक कर दिया गया. नवंबर तक राजपूत ने एक और यूट्यूब चैनल बनाया जिसका नाम भी 'हिंदू शेर बॉय' था, जिसे ऑल्ट न्यूज़ द्वारा रिपोर्ट किए जाने पर हटा दिया गया. इस साल जनवरी में उन्होंने 'सुरेश राजपूत' नामक एक चैनल शुरू किया- इसके सब्सक्राइबर्स की संख्या छिपी हुई है लेकिन इसके वीडियो को हजारों बार देखे जा चुके हैं.
वहीं राजपूत का फेसबुक अकाउंट अभी भी चालू है. जुबैर की गिरफ्तारी के एक दिन बाद मंगलवार को उन्होंने यूट्यूब पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा, "मुसलमान हार गए, नुपुर शर्मा जीत गईं." इस वीडियो को अब तक 3,000 बार देखा जा चुका है.
3. समाचार चैनलों द्वारा मंचित 'इस्लामिक विद्वान'
टाइम्स नाउ पर पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ नुपुर शर्मा की टिप्पणियों के तीन दिन बाद ज़ी न्यूज़ पर ज्ञानवापी मस्जिद में मिले 'शिवलिंग' पर एक चर्चा हुई. इस बहस में एक स्व-घोषित इस्लामी विद्वान इलियास शराफुद्दीन भी शामिल थे, जो अक्सर समाचार चैनलों की बहसों का हिस्सा होते हैं.
बहस के दौरान शराफुद्दीन ने हिंदू धर्म का मजाक उड़ाते हुए कहा, "आप गुप्तांगों की पूजा क्यों करते हैं?"
यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने ऐसी भड़काऊ टिप्पणी की है. यह “विद्वान” 2017 से ऐसा करते आ रहे हैं और जून की शुरुआत में धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए उनके खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की गई थी. दिसंबर में उन्होंने इस्लाम की आलोचना करने के लिए जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी, जो पहले वसीम रिज़वी हुआ करते थे, को मिली मौत की धमकियों का समर्थन किया था. शराफुद्दीन ने न्यूज़-18 पर कहा कि “मोदीजी को खुद रिजवी का सिर कलम करना चाहिए.” इससे कुछ दिन पहले इंडिया न्यूज़ पर उन्होंने त्यागी और यति नरसिंहानंद के सिर काटने का भी आह्वान किया था, "पहले उनका सिर कलम करो, तभी भारत में शांति होगी."
ज़ुबैर ने ज़ी न्यूज़ पर हुई बहस का एक क्लिप ट्वीट किया और दिखाया कि विभिन्न समाचार चैनल लगातार शराफ़ुद्दीन को मंच दे रहे हैं.
इसके बावजूद शराफ़ुद्दीन का समाचार चैनलों की बहसों में भाग लेना जारी है.
4. 'बाबरी को गिराया, ताज महल भी गिराएंगे'
हमारा अगला किरदार भी यति नरसिंहानंद का शिष्य है. दिसंबर 2019 में भारत में नागरिकता कानून के विरोध के दौरान संदीप आचार्य नाम के एक व्यक्ति ने यूट्यूब पर एक गाना रिलीज़ किया था. गाने का शीर्षक, “बिल फाड़ा ओवैसी ने मगर सच है ये फटा कुछ और है” था, और इसके बोल थे: “रोहिंग्या और बांग्लादेशी देश से बाहर हो जाएंगे... और जो विरोधी भौंक रहे हैं वे कुछ नहीं कर पाएंगे.”
यह गीत मयूर म्यूजिक द्वारा जारी “रोहिंग्या और बांग्लादेशी देश से बाहर जाएंगे” एल्बम का हिस्सा है.
जुबैर ने इसी साल 4 फरवरी को इसके बारे में ट्वीट किया था.
लेकिन गाना अभी भी यूट्यूब पर उपलब्ध है. मयूर म्यूजिक का यूट्यूब चैनल म्यूजिक रिलीज़ करता रहता है. मार्च में इस पर एक वीडियो रिलीज़ किया गया और उसे “बेस्ट ऑफ़ संदीप आचार्या” बताया गया. इस वीडियो का शीर्षक था, “हमने बाबरी को गिराया, हम ताजमहल भी गिराएंगे.” अप्रैल में रिलीज़ किए गए एक अन्य वीडियो में हिंदुओं से “जागने” को कहा गया. मई में “ज्ञानवापी मस्जिद मंदिर बन जाएगी” नाम से डाले इस वीडियो में कहा गया कि हिंदू “जाग चुके” हैं और ज्ञानवापी मस्जिद “एक बार फिर मंदिर बन जाएगी.”
5. 'इतनी ज़ोर से नारे लगाओ कि राष्ट्रविरोधी महिलाओं की कोख फट जाए'
1 जून को जुबैर ने स्वघोषित संत जितेंद्र सरस्वती का एक वीडियो ट्वीट किया जिसमें वह लोगों से कह रहे थे कि "नारे इस तरह लगाओ कि गर्भ में राष्ट्र-विरोधी बच्चा पाल रही राष्ट्र-विरोधी महिला की कोख फट जाए.”
यह “संत” घृणा फैलाने वाले भाषण योजनाबद्ध तरीके से देता है. 23 मार्च को जुबैर ने “द कश्मीर फाइल्स” देखने के बाद हॉल में खड़े जितेंद्र का एक और वीडियो ट्वीट किया था. वीडियो में जितेंद्र ने कहा, "अगर हम नहीं जागे तो जिहादी देश को खा जाएंगे." अपना त्रिशूल लहराते हुए वे बोले, "कुछ सलमान सुरेश बनेंगे, कुछ रहमान रमेश बनेंगे, और फिर वे हमारी महिलाओं को लव जिहाद में फंसा लेंगे.”
जितेंद्र सरस्वती का यूट्यूब चैनल लगातार बढ़ रहा है. इसके 99,000 से अधिक सब्सक्राइबर और 246 वीडियो हैं, जिनमें से अधिकांश में मुसलमानों के खिलाफ हेट स्पीच है. जुबैर की गिरफ्तारी के एक दिन बाद जितेंद्र ने एक यूट्यूब लाइव होस्ट किया जहां दर्शकों को आश्वासन दिया कि “घर वापसी” यानी हिंदू बनने के लिए धर्मांतरण बड़े पैमाने पर होगा.
जितेंद्र ने कहा, "तुम्हारे माता, पिता, साड़ी सलमा और रुक्साना, सब वापस आने वाले हैं."
राजस्थान में हाल ही में एक हिंदू दर्जी का सिर कलम किए जाने पर उन्होंने कहा, “यह युद्ध की पुकार है. हिंदुओं आपको इस जिहादी युद्धघोष को स्वीकार करना चाहिए ...हमें अब घर-घर जाकर अपने हिंदुओं को जगाना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि इन देशद्रोहियों को देश से बाहर निकाल दिया जाए.”
इस यूट्यूब लाइव में पुलिस की वर्दी पहने एक व्यक्ति ने भी हिस्सा लिया था.
इस रिपोर्ट के लिए रिसर्च में तैफ अल्ताफ ने योगदान दिया.
(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
source https://hindi.newslaundry.com/2022/06/30/five-cases-that-illustrate-alt-news-cofounder-mohammed-zubair-role-in-flagging-hate-speech-online
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