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Showing posts from May, 2022

नाविका कुमार की शराफत, गीतांजली श्री को बुकर और आर्यन खान को क्लीन चिट

धृतराष्ट्र के दरबार में आज ढोल-ताशे, डमरु और डफलियों की आवाज़ थी. चटखती गर्मी में डंकापति के उत्सव का शोर था. संजय ने दम पे दम आर्यावर्त में आयोजित होने वाले उत्सवों की जानकारी अपने दिलचस्प अंदाज में धृतराष्ट्र को दी. इसके अलावा बीते हफ्ते हिंदी हिंदी और भारतीय भाषाओं के मुकुट में नया रत्न जुड़ा. हिंदी की प्राख्यात लेखिका गीतांजलि श्री के उपन्यास रेत समाधि को इंटरनेशनल बुकर सम्मान मिला. इसका अंग्रेजी संस्करण टूंब ऑफ सैंड है, जिसे अनुवादित किया है डेज़ी रॉकवेल ने. एक देश, एक खाना, एक कपड़ा, एक टैक्स, एक धर्म, एक बोली और एक भाषा वाली मौजूदा सरकार को गीतांजलि श्री की उपलब्दि से कोई खास प्रसन्नता नहीं हुई. उन्हें गीतांजलि श्री की हिंदी से शायद परहेज है, इसीलिए प्रधानमंत्री और उनके पूरे मंत्रिमंडल ने गीतांजलि श्री को बधाई देना मुनासिब नहीं समझा. उधर फिल्म स्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को ड्रग मामले में क्लीनचिट मिल गई. क्लीन आर्यन खान हुए और गंदगी खबरिया चैनलों के मुंह पर पुत गई. इन्हीं तमाम मसलों पर इस हफ्ते की टिप्पणी. क्या यूट्यूब पत्रकारों के लिए सरकार बना रही है क़ानून? यूट्य

‘He intimidates when he doesn’t have answers’: Chennai journalists hold protest against BJP TN chief

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On May 30, around 50 journalists gathered in the oppressive summer heat at the Chennai Press Club’s premises in Chepauk, shouting slogans. “Do not insult journalists,” one shouted, while another yelled, “We won’t let this go until you apologise.” “We seek justice,” said a third. The protest was against K Annamalai, president of the Bharatiya Janata Party’s Tamil Nadu unit, and his “bad attitude” towards journalists. On May 28, Annamalai had attended a press meet organised by the BJP in Chennai where he accused chief minister MK Stalin of staging a “political drama” during prime minister Narendra Modi’s visit to the city a day before. During the interaction, a journalist named Manickam, who works with a news channel, asked Annamalai about the BJP putting up “illegal banners” in Chennai ahead of Modi’s visit – in violation of a high court order banning temporary hoardings and flex boards. (Manickam asked Newslaundry not to name his employer since he was worried about being “trolle

Haryana AAP worker booked for threatening journalist

The Kurukshetra police have registered a case of criminal intimidation after a journalist alleged that an Aam Aadmi Party worker had threatened him purportedly for showing empty chairs at a rally addressed by Arvind Kejriwal, the Times of India reported . Vikram Singh, who is associated with a local weekly newspaper, alleged that one Sahib Singh from Katlaheri village had called him, identifying himself as an AAP worker, and demanded to know why he had shown empty chairs at the rally. “I have a threat to my life and property as after gathering information about this person, I came to know that he has a weapon,” Vikram further alleged. Speaking to TOI , AAP Haryana spokesperson Sumit Hindustani confirmed that Sahib worked with former Haryana minister Nirmal Singh who has recently joined AAP. “We stand with the media and in the nine years of history of AAP, no such incident took place and we are also surprised how this has happened. We are also investigating this matter and action sh

Pakistani TV network sacks news anchor sacked over Israel visit

Pakistan’s federal minister for information and broadcasting Marriyum Aurangzeb said that the state-owned Pakistan Television Corporation has sacked TV anchor Ahmed Quraishi, after he visited Israel as part of a Pakistani diaspora delegation, the Express Tribune reported . According to Geo TV , Aurangzeb said that Quraishi’s services were terminated due to the “personal trip to Israel”. The delegation comprised 15 members from the Pakistani diaspora and was led by two civil societies groups. The visit was aimed at promoting interfaith harmony between Muslims and Jews. The Pakistani government has distanced itself from the visit. On Sunday, Pakistan’s foreign office categorically rejected that the delegation represented the country. “Pakistan’s position on the Palestinian issue is clear and unambiguous. There is no change whatsoever in our policy on which there is complete national consensus. Pakistan steadfastly supports the Palestinian people’s inalienable right to self-determi

क्या यूट्यूब पत्रकारों के लिए सरकार बना रही है क़ानून? यूट्यूबर्स के साथ अनुराग ठाकुर की बैठक

यहिंदी पत्रकारिता दिवस के मौके 30 मई को दिल्ली स्थित कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने देशभर के चुनिंदा यूट्यूबर्स और और प्रमुख डिजिटल मीडिया संस्थानों के करीब 60 पत्रकारों और प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की. इस बैठक में देश के बड़े मीडिया संस्थानों के पत्रकारों के अलावा कई प्रदेशों के यूट्यूबर्स शामिल हुए. बैठक में मंत्री अनुराग ठाकुर के अलावा दो ज्वाइंट सेक्रेटरी विक्रम सहाय और संजीव शंकर भी शामिल हुए. हालांकि दोनों अधिकारी बैठक में करीब 20 मिनट ही रुके, इसके बाद चले गए. #CCIEvents @ianuragthakur interacting with editors & representatives of online #news portals. @saurabhtop @TheLallantop pic.twitter.com/urSryez2UU — Constitution Club of India (@ccoi_1947) May 30, 2022 बैठक में शामिल हुए पत्रकारों के मुताबिक उन्हें दो दिन पहले शनिवार को इस बैठक के बारे में सूचित किया गया था. इसके बाद इंडिया टुडे, आजतक, न्यूज़-18 ग्रुप और टाइम्स ग्रुप के अलावा कई अन्य संस्थानों से जुड़े पत्रकार और स्वतंत्र यूट्यूब चैनल चलाने वाले पत्रकार इसमें शामिल हुए.

तिलाड़ी विद्रोह की 92वीं बरसी: जंगलों को बचाने के लिए आज भी जारी हैं वैसे ही आंदोलन

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करीब 100 साल पहले जिस वक्त महाराष्ट्र में मुलशी पेटा के किसान देश का पहला बांध विरोधी आंदोलन चला रहे थे, सुदूर उत्तर के हिमालयी पहाड़ों में भी जन-संघर्ष मुखर होने लगे थे. यही वह समय था जब महात्मा गांधी के नेतृत्व में आजादी का आंदोलन रफ्तार पकड़ रहा था. अगले एक दशक में उत्तराखंड में जल, जंगल और जमीन के लिए आवाज तेज हुई और इसकी परिणति 30 मई 1930 में हुई जिसे तिलाड़ी विद्रोह या रवाईं आंदोलन के रूप में जाना जाता है. तिलाड़ी विद्रोह टिहरी राजशाही की क्रूरता और जंगल से लोगों को बेदखल किए जाने के खिलाफ था. यह जंगलात कानूनों के खिलाफ आधुनिक भारत का संभवत: पहला सबसे बड़ा आंदोलन था. उत्तराखंड में हर साल तिलाड़ी विद्रोह की बरसी पर जगह जगह सम्मेलन होते हैं और सामाजिक कार्यकर्ता और स्वयंसेवी समूह लेखकों और चिंतकों के साथ भूमि और वन अधिकारों की बात उठाते हैं. वन अधिकार और रियासत की क्रूरता साल 1815 में गोरखों को हराने के बाद अंग्रेजों ने टिहरी को अलग शाही रियासत के रूप में मान्यता दी. गोरखों के खिलाफ युद्ध में अंग्रेजों का साथ देने के कारण सुदर्शन शाह को यहां का राजा बनाया गया. यानी उत्तराखंड मे

सारांश: दुनियाभर में प्रदूषण बना सबसे ज्यादा मौतों का कारण

दुनिया भर में प्रदूषण से 90 लाख लोगों की जान चली गई. यह बात विश्व प्रसिद्ध मेडिकल जर्नल लैंसेट ने अपनी एक रिपोर्ट में कही है. 90 लाख लोगों की मौत यानी कि दुनिया में हर छह मौतों में से एक मौत प्रदूषण के कारण हुई. भारत में 24 लाख लोगों की मौत प्रदूषण से हुई है वहीं चीन में 22 लाख लोगों की. प्रदूषण के कारण न सिर्फ मौत हो रही हैं बल्कि कई देशों पर बहुत ज्यादा असर पड़ रहा है. अर्थव्यवस्था चौपट हो रही है, स्वास्थ्य व्यवस्था गड़बड़ा गई है. आईएमडी के मुताबिक मार्च में इस बार गर्मी ने 122 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है वहीं असम में हर साल की तरह बाढ़ ने तबाही मचाई हुई है. इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट के मुताबिक क्लाइमेंट चेंज की वजह से साल 2030 तक 23 प्रतिशत भारतीय भुखमरी की कगार पर खड़े होंगे. यह सब इस बात का इशारा है कि पर्यावरण की स्थिति लगातार बगड़ती जा रही है, और हमें पर्यावरण को बचाने के लिए तुरंत जरूरी कदम उठाने होंगे. ज्यादातर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड छिपाते हैं जरूरी जानकारियां, नहीं बरतते पारदर्शिता भारत में हो रही अकाल मौतों में 28 फीसदी वायु प्रदूषण के कारण source https

FIR against BJP's Nupur Sharma for 'objectionable' remarks on Prophet during Times Now debate

On Saturday, the Mumbai police filed an FIR against BJP spokesperson Nupur Sharma for "hurting religious sentiments" through her remarks about Prophet Mohammed during a news debate, the Indian Express reported. The FIR was filed based on a complaint from Irfan Sheikh, joint secretary of the Raza Academy in Mumbai. Sharma was booked under sections 295A, 153A and 505(2) of the Indian Penal Code. Sheikh claimed he had received a WhatsApp clip of the news debate, following which he filed the police complaint. FIR filed against Nupur Sharma by #RazaAcademy in Mumbai Raza Academy had filed a formal complaint with the Mumbai Commssioner of Police against BJP spokesperson Nupur Sharma for her blasphemous remarks on the Holy Prophet ﷺ in the National channel Times Now #ArrestNupurSharma pic.twitter.com/R3gAUtkhuT — Raza Academy (@razaacademyho) May 28, 2022 The comments on the Prophet and his wife were made during a debate on Times Now on the Gyanvapi issue on Friday.

राजस्थान के तीन पत्रकारों पर हमला कर उनके हाथ पैर तोड़े

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राजस्थान के जयपुर के कालवाड़ इलाके में, कथित तौर पर जमीन कब्जाने और एक सरपंच के द्वारा सरकारी निधि के हेरफेर की रिपोर्ट छपने के एक हफ्ते के भीतर ही तीन पत्रकारों पर रॉड और पाइपों से कथित तौर पर हमला किया गया. उनके हाथों और पैरों की हड्डियां टूटने की वजह से उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा. सरपंच त्रिवेंद्र सिंह राजावत उर्फ डब्बू बना, उनके भाई सूर्य प्रताप, बुब्बी और लोकेंद्र सिंह के ऊपर, आईपीसी की धारा 143 (गैर कानूनी तौर पर इकट्ठा होना), 341 (गैरकानूनी तरीके से रोकना), 343 (चोट पहुंचाना) और 427 (शरारत) का मुकदमा दर्ज किया गया है. इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. पुलिस का कहना है कि स्थानीय दैनिक हमारा समाचार के संपादक रामनिवास चौधरी, उनके संवाददाता साथी कमल देगड़ा, और यूट्यूब पर मरुधर बुलेटिन के नाम से समाचार चैनल चलाने वाले विवेक सिंह जादौन को कथित तौर पर करीब 10 लोगों के द्वारा हमला किए जाने के बाद एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. सरपंच पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाली रिपोर्ट हालांकि चौधरी के द्वारा बुधवार को की गई शिकायत के आधार पर दर्ज एफआईआर में, हमले का कोई

Hafta letters: Blaming the victims over Ayodhya and Gyanvapi, Hindu symbols in Newsance

In the recent podcast, Anand mentioned that he is not a journalist :) I am curious, what is his role or post at NL? I know Abhinandan is a founding member and has been with NL since day one. I would like to know when the other NL members participating in this panel had joined NL? Can we expect to see Madhu in any capacity for NL shows or discussions? Rhishikesh *** Hello Hafta team, I like this podcast very much. Here is a recommendation for you to read. It is about representation of women in STEM. Regards, Pranav *** Hi team, Can you cover the plight of Indian expats in the US and Canada? Their families are struggling to find visa renewal appointments in India, and thus have been prevented from visiting India since the start of the pandemic. This has resulted in many families getting stuck in India and loss of jobs abroad. I personally have been searching for appointments for this year since March but am unable to get one because of the shutdown of consulates. V.K. *** D

TV Newsance 173: KCR sponsors NDTV 'feature', Modi and Yogi enjoy free publicity on ABP

This week we shift gears to bring you a special episode breaking down what ad-funded programming looks like on TV news and what different forms this monster has taken in the Indian news ecosphere. First up is an advertorial in Hindi from the Telugu-speaking state of Telangana on NDTV . Almost passed off as news, we look at how such ‘sponsored features’ are aired without any explicit disclaimers and what this implies for the role of the media in a democracy. We then look at two weekly shows on ABP News called "Modi Tracker" and "Yogi Tracker" which are technically not advertorials, except they are functionally indistinguishable. Speaking of ads on TV news, we can't not talk about the morning shop Ramdev sets up on India TV , offering cures for every affliction under the sun, from prostate cancer to brain tumors! How does this ad-funded programming work and what does it mean for you as a viewer but also, crucially, as the citizen of a democracy? And why s

India counted all deaths in Covid year 2020, says new government report. Did it?

Three weeks after the health ministry claimed to have achieved 99.99 percent death registration in 2020, the Registrar General of India has indirectly confirmed the figure. This, then, is the first time that India claims to have registered every death – in a pandemic-hit year, no less. In a bulletin on Wednesday, the registrar general estimated India’s 2020 mortality rate at six per 1,000 people, the same as the previous year. For a projected population of just over 135 crore, that means 81.2 lakh deaths from all causes. The estimate is based on the findings of a baseline survey called the Sample Registration System, or SRS. Newslaundry reported earlier this month that the health ministry had declared 99.99 percent death registration for 2020 without explaining how the number was arrived at, raising questions about its accuracy. The ministry was disputing the World Health Organisation’s estimate of Covid deaths in India – 8.3 lakh in 2020 and 47.4 lakh over the course of the pand

"क्यों अम्माएं मरने के लिए बेटों का घर याद करती हैं?"

खुले दरवाज़े पर आहट सुन बेटी खड़ी हुई और आहत हुई. भाई सामने. बहन आमने. दोनों की आंखें फंस उलझ जैसे हम और तुम और कोई नहीं. धरती दृष्टि हवा मन तन ऐसे हिल गए जैसे द्रव में सब छलछल बलबल. बड़े ने अपना तानाशाह लबादा चेहरे पर परदे की तरह डाटा. वही तरीका था पसीना पोंछने का बेचैनी हटाने का. कपड़ा से कॉस्टयूम रज़ा मास्टर बनाते हैं, यहां रंग-ढंग से. अम्मा बैल्कनी पर सन्नाटा ओढ़े बैठी थीं. बड़े सीधे वहां गए. चलिए, हुक्माया, बाहर रहेंगी तो तबीयत बिगड़ेगी ही. मां ने सिर धीरे से उठाया. बड़े को देखा, उनके पीछे आई पत्नी को देखा, उनके पीछे खड़ी बेटी को देखा, उसके पीछे खुले दरवाज़े को देखा, उधर पड़ोसी का झबरेदार कुत्ता भौंक पड़ा, उनसे आंखें मिलाने की ख़ुशी में. छोड़ दिया मुझे. अम्मा बोलीं. बहू ने झुककर पांव छुए. कैसी बातें करती हैं अम्मा, आपने हमें छोड़ दिया. अब बस बहुत हुआ, चलिए. अब जाएंगे. अब जाएंगे, अम्मा ने विक्षिप्त स्वर में स्वीकारा. हो गयी सैर-टहल. देख लिया मां ने अजब रंग ढंग. अब लौटे आराम में. बहू ने कहा जो हमारे यहां उन्हें मिलता है वो और कहीं कहां, आना तो उन्हें यहां है ही. दूर से फोन भी

जानलेवा बनता रेत खनन: देशभर में कम से कम 418 लोगों की गई जान

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आमतौर पर नदियों से होने वाले अवैध और अवैज्ञानिक रेत खनन को पर्यावरण और जलीय जीवों पर खतरे के रूप में देखा जाता है. लेकिन इसका एक और स्याह पक्ष भी है, जो न तो सरकारी फाइलों में दर्ज होता है और न कहीं इसकी सुनवाई होती है. ये है रेत खनन के चलते हर साल जान गंवाने वाले सैकड़ों लोग और इसके चलते बिखरने वाले उनके परिवार. हरियाणा निवासी धर्मपाल को इस स्याह पक्ष को अब ताउम्र भोगना होगा. साल 2019 के जुलाई महीने में उनके बेटे 18 वर्षीय संटी और 15 वर्षीय भतीजे सुनील की सोम नदी में डूबने से मौत हो गई. यमुनानगर जिले के कनालसी गांव के रहने वाले धर्मपाल के भाई तेजपाल के मुताबिक दोनों भाई नदी में नहाने गए थे. नदी में खनन की वजह से कई गहरे गड्ढे बन गए थे. किसी को पता नहीं था कि यहां खनन हो रहा है. उन्होंने कहा, “हमने दो महीने तक पुलिस-प्रशासन के चक्कर काटे. जिलाधिकारी के पास भी गए. हमारी शिकायत नहीं सुनी गई. बच्चों की मौत पर मुआवजा भी नहीं मिला. हम मजदूर हैं. कितने दिन काम छोड़कर जाते. उस दिन के बाद से हम अपने बच्चों को नदी की तरफ जाने ही नहीं देते.” धर्मपाल के पास अब भी बेटे की मौत से जुड़े दस्तावेज

हरियाणवी सिंगर मर्डर मिस्ट्री: “पुलिस समय रहते हमारी बात सुन लेती तो आज बेटी जिंदा होती”

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दिल्ली के जाफरपुर की रहने वाली एक 29 वर्षीय दलित हरियाणवी सिंगर जो पिछले 11 मई से घर से लापता थी. 11 दिन बाद, 22 मई को उसका शव अर्धनग्न अवस्था में हरियाणा के रोहतक जिले के महम इलाके में हाईवे के पास से मिला. द्वारका जिले के डीसीपी शंकर चौधरी के मुताबिक, “14 मई को परिवार की ओर से सूचना आई थी कि हमारी लड़की गायब हो गई है. उनकी सूचना के आधार पर कानूनी कार्रवाई शुरू की गई. इसी तफ्तीश के दौरान 22 तारीख को हम उन लड़कों तक पहुंचे जिनका नाम रोहित और अनिल है. उनके बयान से पता चलता है कि उन्होंने 11 तारीख को लड़की को बुलाया और हरियाणा के महम थाने जो कि रोहतक जिले में पड़ता है वहां पर उसकी हत्या कर दी. आरोपियों के खिलाफ, महम थाने में धारा 302 और 201 का मुकदमा दर्ज है.” वहीं पीड़िता के परिवार ने पुलिस पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं, उनका कहना है कि पुलिस अगर समय रहते उनकी बात सुन लेती तो उनकी बेटी आज जिंदा होती. द्वारका जिले के जाफरपुर कलां थाने में 14 मई को एक महिला की गुमशुदगी की सूचना मिली थी। पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों द्वारा महिला की हत्या कर दी गई है।मामले में उचित कार्य

Shireen Abu Akleh’s death: Palestinian probe finds ‘the only shooting was by occupation forces'

A Palestinian investigation into the death of Al Jazeera journalist Shireen Abu Akleh has found that Israeli forces intentionally shot at the journalist, causing her death, BBC reported. The findings are based on examination of the 5.56 mm bullet which struck the journalist, according to the New York Times . This came a day after CNN released an investigation – based on multiple videos and witness testimonies – alleging that Israeli forces were “shooting directly at journalists”. On May 11, Abu Akleh was covering raids by Israeli forces at West Bank’s Jenin when she was shot in the head. Her producer Ali Samoudi was also shot at but he survived. The Palestinian health ministry had confirmed that Abu Akleh was rushed to the hospital but died due to a bullet wound. She wore a bulletproof vest, with “Press” written on it. Palestinian Authority Thursday said that the journalist was killed in a “deliberate murder”. “The only shooting was by the occupation forces, with the aim of kil

How Kashmir's English papers covered Yasin Malik's sentencing

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Kashmiri separatist leader Yasin Malik was sentenced to life imprisonment by a special National investigation Agency court in Delhi on Wednesday. The Jammu Kashmir Liberation Front leader had earlier been convicted in an alleged terror funding case. Here is how the leading English dailies in Kashmir covered Malik's sentencing. The Srinagar edition of Rising Kashmir carried a PTI report on Malik’s sentence on page one. “The National investigation agency Delhi court on Wednesday awarded life imprisonment to Yasin Malik, one of the foremost separatist leaders of Jammu and Kashmir,” it said. The report continued on page 10, with further details of the court proceedings. Towards the end, the report mentioned that Malik's sentencing sparked protests in Srinagar and that some of the protesters clashed with the security forces. The Kashmir Observer too carried the PTI report on its front page, with the . headline, “Yasin Malik jailed for life". Additionally, it carried

Days after report on ‘land grab’, 3 Rajasthan journalists assaulted, their arms, legs fractured

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Less than a week after their report on an alleged land grab and diversion of funds by a sarpanch, three journalists were assaulted allegedly with rods and pipes and taken to hospital with fractured arms and legs – at Kalwar area in Rajasthan’s Jaipur on Wednesday. Sarpanch Trivendra Singh Rajawat alias Dabbu Banna, his brother Surya Pratap, Bubbi and Lokendra Singh have been booked for an alleged attempt to murder and under IPC sections 143 (unlawful assembly), 341 (wrongful restraint), 343 (causing hurt) and 427 (mischief). No arrest has been made. Ramniwas Choudhary, editor of local daily Hamara Samachar , his reporter colleague Kamal Degda, and Vivek Singh Jadon, who runs the Marudhar Bulletin news channel on YouTube, were admitted to a private hospital following the attack that allegedly involved around 10 people, police said. A report alleging corruption by the sarpanch. While the FIR, filed Wednesday on the basis of a complaint by Choudhary, does not state a reason behind

J&K TV actor dead, 10-yr-old nephew injured as militants open fire: cops

Amreen Bhat, a 35-year-old local television actor from Jammu and Kashmir, has died after suspected militants shot at her and her 10-year-old nephew outside her home in Hishroo village of Budgam, Kashmir Observer reported . Kashmir zone police tweeted that Bhat was taken to hospital but she did not survive the attack that took place Wednesday evening. Her nephew is reportedly undergoing treatment and is in a stable condition. Police have sealed the area where the attack took place, according to Kashmir Observer . They said “three terrorists of proscribed terror outfit LeT [Lashkar-e-Taiba] were involved in this heinous terror incident”. Former Jammu and Kashmir chief minister Omar Abdullah took to Twitter to offer his condolences. Shocked & deeply saddened by the murderous militant attack on Ambreen Bhat. Sadly Ambreen lost her life in the attack & her nephew was injured. There can be no justification for attacking innocent women & children like this. May Allah grant

अन्य की तुलना में आदिवासी और दलित समुदाय के लोगों की जल्दी हो जाती है मृत्यु- शोध

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सुनने में अजीब लग सकता है कि भारत में पैदा हुए किसी व्यक्ति की उम्र इससे तय होती है कि उसने किस जाति में जन्म लिया है, लेकिन यही सच है. चर्चित अर्थशास्त्री वाणी कांत बरुआ ने इससे संबंधित एक विस्तृत शोध “Caste, Religion, and Health Outcomes in India, 2004-14” किया था, जो वर्ष 2018 में इकोनॉमिक एंड पॉलिटिकल वीकली में प्रकाशित हुआ था.[i] नेशनल सैंपल सर्वे (2004-2014) पर आधारित अपने इस शोध में उन्होंने वर्ष 2004 से 2014 के बीच भारतीयों की मृत्यु के समय औसत आयु का अध्ययन किया. यह अध्ययन बताता है कि भारत में ऊंची कही जाने वाले जातियों और अन्य पिछड़ी, दलित, आदिवासी जातियों की औसत उम्र में बहुत अंतर है. आम तौर पर आदिवासी समुदाय से आने वाले लोग सबसे कम उम्र में मरते हैं, उसके बाद दलितों का नंबर आता है और फिर अन्य पिछड़े वर्गों के लोगों का. एक औसत सवर्ण हिंदू इन बहुजन समुदायों से कहीं अधिक वर्षों तक जीता है. In a recently published research paper in the Economic and Political Weekly, “Caste, Religion, and Health Outcomes in India, 2004―14”, Vani Kant Borooah has investigated whether ther